प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) एक ऐसी तकनीक है! जो कंप्यूटर को हमारी भाषा समझने, उसका विश्लेषण करने और प्राकृतिक तरीके से जवाब देने की क्षमता प्रदान करती है। साथ ही हमें दुनिया की हर भाषा को समझने की सहूलियत भी देती है। लेकिन यह NLP (Natural Language Processing) है क्या? What is NLP (Natural Language Processing)? और यह काम कैसे करती है? साथ ही इसका हमारे दैनिक जीवन में क्या उपयोग है? और क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं? आइए, विस्तार से जानते हैं।
NLP क्या है?
प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वह शाखा है! जो मशीनों को Human Language को समझने, विश्लेषण करने और उत्पन्न करने में सक्षम बनाती है। Natural Language Processing (NLP) का उद्देश्य Computer Systems को Text या Speech के माध्यम से इंसानों की तरह संवाद करने की क्षमता प्रदान करना है। Natural Language Processing (NLP) के तीन प्रमुख हिस्से हैं :-
- Natural Language Understanding (NLU): यह भाषा के अर्थ और Context को समझता है। उदाहरण के लिए, वाक्य “मैंने फोन चार्ज किया।” में “चार्ज” का अर्थ बिजली से जोड़ना है। न कि पैसे मांगना।
- Natural Language Generation (NLG): यह Input Data से इंसानों जैसी भाषा उत्पन्न (Generate) करता है। उदाहरण के लिए, Chatbots द्वारा प्रश्नों का उत्तर देना।
- Computational Linguistics: यह भाषा का गणितीय विश्लेषण करता है। यह Natural Language Processing का Theoretical पक्ष है। जो NLP का मुख्य वैज्ञानिक आधार है।
NLP vs NLU
NLP कंप्यूटर को मानव भाषा को प्रोसेस करने में सक्षम बनाता है। यह Text या Speech को Tokenize करने, Grammar Check करने, कीवर्ड निकालने और Machine Translation जैसे कार्यों पर केंद्रित है। NLP का मुख्य लक्ष्य भाषा को Machine-Readable Format में बदलना है। लेकिन इसे भाषा के अर्थ को गहराई से समझने की जरूरत नहीं होती। उदाहरण के लिए, एक NLP System वाक्य को शब्दों में तोड़ सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उसका Context भी समझे।
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जबकि NLU (प्राकृतिक भाषा समझ), NLP का एक उन्नत हिस्सा है! जो भाषा के अर्थ, संदर्भ और उद्देश्य को समझने पर केंद्रित है। यह मशीनों को इंसानी भाषा की बारीकियाँ जैसे Irony, Sentiment या जटिल प्रश्नों को समझने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, जब आप वॉयस असिस्टेंट से पूछते हैं, “आज मौसम कैसा है?” तो NLU यह समझता है कि आप मौसम की जानकारी चाहते हैं। न कि सिर्फ “मौसम” शब्द का अर्थ।
सरल शब्दों में, NLP भाषा को Process करता है। जबकि NLU उसे समझता है। NLP के बिना NLU असंभव है। लेकिन NLU अधिक स्मार्ट और संवादात्मक AI Systems बनाने का आधार है। जैसे कि चैटबॉट्स या वर्चुअल असिस्टेंट्स।
NLP का इतिहास
NLP का विकास 1950 के दशक से शुरू हुआ। जब एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) ने “कंप्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस” पेपर में भाषा प्रसंस्करण की संभावनाओं पर चर्चा की। उसके बाद NLP (नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग) को विकसित होने में कई दशक लगे। यहाँ दशकवार इतिहास (History of NLP) दिया गया है:-
- 1950s: एलन ट्यूरिंग ने “Turing Test” का प्रस्ताव रखा! जो मशीनों की बुद्धिमत्ता को परखने का तरीका था। 1954 में Georgetown-IBM Experiment में रूसी से अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए पहली बार Machine Translation का प्रदर्शन किया गया।
- 1960s: 1966 में पहला चैटबॉट ELIZA बना! जो पैटर्न मिलान और सरल नियमों पर काम करता था। और भाषा को समझने के लिए Grammar Rules का उपयोग करता था।
- 1970s: 1972 में SHRDLU बना, जो ब्लॉक्स की दुनिया में भाषा को समझने वाला पहला AI था। इसी दौर में विशेषज्ञ प्रणालियाँ (Expert Systems) विकसित हुईं! जो मानव ज्ञान को कोड करके NLP करती थीं।
- 1980s: इस दशक में सांख्यिकीय मॉडल (Statistical Models) का उपयोग बढ़ा। साथ ही Hidden Markov Models (HMMs) और Natural Language Toolkits (NLTK के पूर्ववर्ती) का विकास हुआ।
- 1990s: IBM के सांख्यिकीय मॉडल (जैसे IBM Model 1-5) ने मशीन ट्रांसलेशन को बेहतर बनाया। Support Vector Machine (SVM) और Decision Tree जैसे ML Algorithms का NLP में उपयोग शुरू हुआ।
- 2000s: गूगल ट्रांसलेट (2006) जैसे टूल्स ने बड़े डेटासेट्स और सांख्यिकीय तरीकों का उपयोग किया। Recurrent Neural Network (RNN) और Word embedding (Word2Vec, 2013) ने NLP को पूरी तरह बदल दिया।
- 2010s: ट्रांसफॉर्मर मॉडल (2017) और BERT (2018) जैसे मॉडल्स ने NLP में क्रांति ला दी। GPT-3 (2020) जैसे Large Language Models (LLMs) ने इंसानों जैसी टेक्स्ट जनरेशन की क्षमता दिखाई।
- 2020s: ChatGPT (2022), Bard (अब Gemini), Llama जैसे मॉडल्स ने NLP को मुख्यधारा में ला दिया। अब AI Multimodal (टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो) और Multilingual कार्य करने लगा है।
NLP के प्रकार
प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) को उसके उद्देश्य, तकनीक और अनुप्रयोगों के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यहाँ NLP के मुख्य प्रकार (Types of NLP) दिए गए हैं :-
1. रूल-बेस्ड NLP (Rule-Based NLP)
रूल-बेस्ड NLP में भाषा के पूर्वनिर्धारित नियमों (जैसे व्याकरण, कीवर्ड, पैटर्न मिलान) का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक सरल और नियंत्रित वातावरण में अच्छा काम करती है। जैसे Spell Checker या Basic Chatbots. हालाँकि, इसकी सीमा यह है कि यह केवल उन्हीं Inputs को संभाल सकती है! जिनके लिए नियम बनाए गए हैं। नए या जटिल डेटा के लिए यह अनुपयुक्त है। क्योंकि इसमें मैन्युअल रूप से नियम जोड़ने की आवश्यकता होती है।
2. सांख्यिकीय NLP (Statistical NLP)
सांख्यिकीय एनएलपी, Machine Learning और Probability Models पर आधारित है। यह टेक्स्ट को शब्द आवृत्तियों (जैसे TF-IDF) या संभाव्यता वितरण के आधार पर विश्लेषित करता है। उदाहरण के लिए, Spam Filtering या Sentiment Analysis में इसका उपयोग होता है। यह रूल-बेस्ड सिस्टम से अधिक लचीला है। लेकिन इसे प्रशिक्षित करने के लिए बड़े डेटासेट की आवश्यकता होती है।
3. न्यूरल NLP (Neural/Deep Learning-Based NLP)
न्यूरल NLP, डीप लर्निंग मॉडल्स (जैसे RNN, LSTM, Transformer) का उपयोग करके भाषा के जटिल पैटर्न को सीखता है। यह टेक्स्ट के संदर्भ (Context) को बेहतर ढंग से समझता है! जिससे मशीन अनुवाद (जैसे Google Translate) और टेक्स्ट जनरेशन (जैसे ChatGPT) जैसे कार्य संभव हो पाए हैं। हालाँकि, इन मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए अत्यधिक Computational Resources और Data की आवश्यकता होती है।
4. हाइब्रिड NLP (Hybrid NLP)
हाइब्रिड NLP, रूल-बेस्ड, सांख्यिकीय और न्यूरल तकनीकों का संयोजन है। उदाहरण के लिए, वर्चुअल असिस्टेंट (जैसे Siri या Alexa) में रूल-बेस्ड कमांड्स के साथ-साथ Machine Learning का भी उपयोग होता है। यह दृष्टिकोण अधिक मजबूत और विश्वसनीय परिणाम देता है। लेकिन इसका कार्यान्वयन जटिल होता है। और विभिन्न तकनीकों के बीच तालमेल बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
5. ट्रांसफॉर्मर-बेस्ड NLP (Transformer-Based NLP)
ट्रांसफॉर्मर-बेस्ड एनएलपी, Self-Attention Mechanism पर आधारित है। और BERT, GPT जैसे मॉडल्स इसी श्रेणी में आते हैं। यह तकनीक टेक्स्ट के लंबे संदर्भों को समझने में सक्षम है! जिससे Question Answering, Text Summarization और Code Generation जैसे कार्य संभव हुए हैं। हालाँकि, इन मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए विशाल डेटा और GPU/TPU जैसे शक्तिशाली हार्डवेयर की आवश्यकता होती है।
6. डोमेन-स्पेसिफिक NLP (Domain-Specific NLP)
डोमेन-स्पेसिफिक NLP किसी विशेष क्षेत्र (जैसे Medicine, Law या Finance) के लिए अनुकूलित होता है। उदाहरण के लिए, Medical NLP रोगियों के रिकॉर्ड्स से महत्वपूर्ण जानकारी निकाल सकता है। जबकि Legal NLP कॉन्ट्रैक्ट्स का विश्लेषण कर सकता है। यह तकनीक High Accuracy प्रदान करती है। लेकिन केवल उसी डोमेन तक सीमित रहती है! जिसके लिए इसे ट्रेन किया गया है।
7. रियल-टाइम NLP (Real-Time NLP)
रियल-टाइम NLP त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसे लाइव भाषण अनुवाद (Google Live Transcribe) या Stock Market की भावनाओं का तात्कालिक विश्लेषण। इसमें Latency कम होनी चाहिए। इसलिए हल्के मॉडल्स और Optimized Algorithms का उपयोग किया जाता है। हालाँकि, गति बनाए रखते हुए सटीकता को संतुलित करना एक चुनौती है।
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ये सभी प्रकार अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। और विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। आधुनिक समय में Transformer-Based और Hybrid NLP सबसे अधिक प्रभावी हैं।
NLP कैसे काम करता है?
अब सवाल यह है कि प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण कैसे करता है? How NLP Works? तो असल में NLP Systems कई चरणों में भाषा को प्रोसेस करते हैं।
1. टेक्स्ट प्रीप्रोसेसिंग (Text Preprocessing)
टेक्स्ट प्रीप्रोसेसिंग, NLP (Natural Language Processing) में एक महत्वपूर्ण स्टेप है! जिसमें रॉ टेक्स्ट डेटा (Raw Text Data) को साफ़ किया जाता है। और मॉडल के लिए उपयोगी बनाया जाता है। इसका उद्देश्य शोर (Noise) हटाकर टेक्स्ट को Standardize करना होता है।
- टोकनाइजेशन (Tokenization): वाक्यों को शब्दों या उप-शब्दों (Sub Words) में विभाजित करना। जैसे कि “NLP शक्तिशाली है” → [“NLP”, “शक्तिशाली”, “है”]
- स्टॉप वर्ड्स रिमूवल (Stop Words Removal): “और”, “है”, “था” जैसे कम उपयोगी शब्दों को हटाना।
- लेम्माटाइजेशन (Lemmatization): शब्दों को उनके मूल रूप में बदलना (जैसे “गए” → “जाना”)।
- पार्ट-ऑफ-स्पीच टैगिंग (POS Tagging): शब्दों को उनके व्याकरणिक प्रकार (Noun, Verb आदि) के अनुसार लेबल करना।
- न्यूमेरिक्स और पंक्चुएशन हटाना: संख्याओं और विराम चिह्नों को फ़िल्टर करना।
2. फीचर एक्सट्रैक्शन (Feature Extraction)
यह Natural Language Processing (NLP) का एक महत्वपूर्ण चरण है। जिसमें टेक्स्ट डेटा से उपयोगी और प्रासंगिक जानकारी निकाली जाती है। ताकि Machine Learning Models उसे समझ और प्रोसेस कर सकें। चूंकि Computers सीधे टेक्स्ट को नहीं समझते। इसलिए हम शब्दों, वाक्यों और दस्तावेज़ों को संख्यात्मक रूप (Numerical Form) में बदलते हैं! जिसे मॉडल ट्रेनिंग में इस्तेमाल किया जा सके।
- बैग ऑफ वर्ड्स (Bag of Words – BoW): टेक्स्ट को शब्दों की आवृत्ति (Frequency) के आधार पर वेक्टर में बदलना।
- टर्म फ्रीक्वेंसी-इनवर्स डॉक्यूमेंट फ्रीक्वेंसी (TF-IDF): महत्वपूर्ण शब्दों को वेटेज देना।
- वर्ड एम्बेडिंग (Word Embeddings): Word2Vec, GloVe जैसी तकनीकों से शब्दों को संख्यात्मक वेक्टर में मैप करना।
- एन-ग्राम्स (N-grams): शब्दों के क्रम (Sequences) को कैप्चर करता है (जैसे: “good movie” → बायग्राम)।
- पार्ट-ऑफ-स्पीच टैगिंग (POS Tagging): शब्दों के व्याकरणिक प्रकार (Noun, Verb, Adjective) को पहचानता है।
- Named Entity Recognition (NER): व्यक्तियों, स्थानों और संगठनों को आइडेंटिफाई करता है।
3. मॉडल ट्रेनिंग (Model Training)
मॉडल ट्रेनिंग, Natural Language Processing में एक कोर प्रक्रिया है। जहां एक Machine Learning (ML) या Deep Learning Model को Labeled या Unlabeled डेटा पर ट्रेन किया जाता है। ताकि वह टेक्स्ट डेटा से Pattern सीख सके। और भविष्यवाणियाँ (Predictions) कर सके।
- मशीन लर्निंग मॉडल्स (ML Models): Support Vector Machines (SVM) टेक्स्ट क्लासिफिकेशन के लिए। और Naive Bayes: स्पैम डिटेक्शन के लिए।
- डीप लर्निंग मॉडल्स (Deep Learning Models): Long Short-Term Memory (LSTM) लंबे टेक्स्ट सीक्वेंसेज को समझने के लिए। और Recurrent Neural Networks (RNN) सीक्वेंस डेटा के लिए।
- ट्रांसफॉर्मर मॉडल्स (Transformers): BERT, GPT जैसे मॉडल्स, जो सेल्फ-अटेंशन (Self-Attention) का उपयोग करते हैं।
4. NLP टास्क्स (NLP Tasks)
NLP Tasks प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण में विभिन्न प्रकार की समस्याओं या कार्यों को संदर्भित करते हैं! जिन्हें Machine Learning और Deep Learning Models द्वारा हल किया जाता है। ये Tasks टेक्स्ट डेटा को समझने, विश्लेषण करने और उत्पन्न करने से संबंधित होते हैं।
- सेंटीमेंट एनालिसिस (Sentiment Analysis): भावना पहचानना (सकारात्मक/नकारात्मक)।
- NER (Named Entity Recognition): व्यक्ति, स्थान, संगठन पहचानना। उदाहरण के लिए, “राम ने दिल्ली में अमेज़न जॉइन किया” → [राम (PERSON), दिल्ली (LOC), अमेज़न (ORG)]।
- मशीन अनुवाद (Machine Translation): एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करना। जैसे कि Google Translate जैसे टूल्स।
- क्वेश्चन आंसरिंग (Question Answering – QA): दिए गए प्रश्नों का उत्तर देना। जैसे कि ChatGPT जैसे सिस्टम्स।
- टेक्स्ट सारांशीकरण (Text Summarization): लंबे टेक्स्ट को संक्षिप्त सारांश में बदलना।
5: मूल्यांकन और तैनाती (Evaluation & Deployment)
मूल्यांकन और तैनाती NLP Pipeline का अंतिम चरण हैं। जहां मॉडल की Performance को मापा जाता है। और वास्तविक दुनिया में उपयोग के लिए Deploy किया जाता है। जहां यह एंड-यूज़र्स को सेवाएं प्रदान करता है।
- Accuracy – सही भविष्यवाणियों का प्रतिशत।
- Precision – सकारात्मक भविष्यवाणियों में वास्तविक सकारात्मक।
- Recall – वास्तविक सकारात्मक में पहचाने गए सकारात्मक।
- F1-Score – Precision और Recall का संतुलित औसत।
- Confusion Matrix – TP, TN, FP, FN का मैट्रिक्स।
डिप्लॉयमेंट (Deployment): API के रूप में मॉडल को डिप्लॉय करना। जैसे कि RESTful, GraphQL APIs. वेब एप्प इन्टीग्रेशन (Flask/Django)। मोबाईल एप्प इन्टीग्रेशन (Android, iOS)। क्लाउड डिप्लॉयमेंट (AWS, GCP, Azure)।
NLP के प्रमुख उपयोग
प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) मशीनों और मनुष्यों के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण सेतु बन गया है। आज यह न केवल तकनीकी क्षेत्र में, बल्कि Healthcare, Education, Finance और Customer Support जैसे विविध क्षेत्रों में क्रांति ला रही है। आइए, NLP के प्रमुख उपयोगों (Key Applications of NLP) पर एक नजर डालते हैं।
- भाषा अनुवाद (Machine Translation): Google Translate, DeepL जैसे टूल्स NLP का उपयोग करके एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करते हैं।
- तकनीक: Seq2Seq (Sequence-to-Sequence) मॉडल्स, Transformer आर्किटेक्चर
- सेंटीमेंट एनालिसिस (Sentiment Analysis): सोशल मीडिया पोस्ट्स, प्रोडक्ट रिव्यूज की भावनात्मक प्रतिक्रिया (Positive, Negative, Neutral) का विश्लेषण।
- तकनीक: LSTM, BERT
- चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट्स (Chatbots & Virtual Assistants): Siri, Alexa, ChatGPT जैसे सिस्टम NLP का उपयोग करके प्राकृतिक भाषा में बातचीत करते हैं।
- तकनीक: Intent Recognition, Dialogue Management
- टेक्स्ट सारांश (Text Summarization): लंबे दस्तावेज़ों (जैसे समाचार लेख, शोध पत्र) का संक्षिप्त सारांश बनाना।
- तकनीक: Extractive Summarization (महत्वपूर्ण वाक्य निकालना), Abstractive Summarization (नए वाक्य बनाना)
- स्पीच रिकग्निशन (Speech Recognition): Google Assistant, Apple Siri जैसी तकनीकें आवाज को टेक्स्ट में बदलती हैं।
- तकनीक: Hidden Markov Models (HMM), DeepSpeech
NLP की चुनौतियाँ
प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) ने भले ही मशीनों को मानव भाषा समझने की क्षमता दी है। लेकिन यह तकनीक अभी भी कई जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है। मानव भाषा की जटिलता, संदर्भ-निर्भरता और विविधता NLP सिस्टम्स के लिए बड़ी बाधाएँ हैं। आइए, NLP की मुख्य चुनौतियों (Challenges in NLP) पर एक नजर डालते हैं।
- अनेकर्थकता (Ambiguity): एक ही शब्द या वाक्य के कई अर्थ हो सकते हैं। (जैसे “कल” शब्द भविष्य या अतीत दोनों को दर्शा सकता है)।
- भाषाई विविधता (Linguistic Diversity): विभिन्न भाषाओं (जैसे हिंदी, संस्कृत) के लिए अलग-अलग NLP मॉडल्स की आवश्यकता।
- संदर्भ की समझ (Context Understanding): मानव भाषा में अनुभव, संदर्भ और विडंबनाएँ (Irony) होती हैं! जिन्हें AI के लिए समझना कठिन है।
- डेटा की कमी (Low-Resource Languages): कई भाषाओं में पर्याप्त ट्रेनिंग डेटा उपलब्ध नहीं है।
- डेटा बायस (Data Bias): ट्रेनिंग डेटा में पूर्वाग्रह (Bias) होने पर AI भी भेदभावपूर्ण परिणाम दे सकता है।
NLP का भविष्य
NLP का भविष्य अधिक बुद्धिमान, सुलभ और मानव-केंद्रित तकनीक की ओर इशारा करता है। जैसे-जैसे यह तकनीक विकसित होगी, यह समाज, अर्थव्यवस्था और विज्ञान को गहराई से प्रभावित करेगी। आने वाले वर्षों में, NLP न केवल हमारे काम करने के तरीके को बदलेगा। बल्कि हमारे सोचने और संवाद करने के तरीके को भी पुनर्परिभाषित करेगा।
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प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) तकनीक ने पिछले एक दशक में अभूतपूर्व प्रगति की है। और इसका भविष्य और भी अधिक परिवर्तनकारी होने वाला है। AI Models में हुई प्रगति, बड़े Datasets की उपलब्धता और Computing Power में वृद्धि के साथ, NLP हमारे दैनिक जीवन को पूरी तरह से बदलने के लिए तैयार है। भविष्य में NLP में निम्न Updates देखने को मिलेंगे :-
- मल्टीमॉडल NLP (Multimodal NLP): टेक्स्ट, इमेज और ऑडियो को एक साथ प्रोसेस करना।
- लो-रिसोर्स भाषाओं के लिए NLP: हिंदी, बांग्ला जैसी भाषाओं में बेहतर मॉडल्स।
- Real-Time NLP: त्वरित अनुवाद और संवाद प्रणालियाँ।
NLP : निष्कर्ष
NLP Technology ने मशीन-मानव संवाद को क्रांतिकारी बना दिया है। भविष्य में यह शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और अनुसंधान के क्षेत्र में और भी अधिक परिवर्तन लाएगी। हालाँकि, इसके नैतिक उपयोग और पारदर्शिता पर ध्यान देना आवश्यक है।
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NLP : FAQs
1. NLP क्या है?
उत्तर: NLP एआई की वह शाखा है, जो कंप्यूटर को मानव भाषा समझने और प्रोसेस करने में सक्षम बनाती है। जैसे कि ChatGPT, Google Translate
2. NLP के मुख्य उपयोग क्या हैं?
उत्तर: NLP के मुख्य उपयोग निम्नलिखित हैं:-
- चैटबॉट्स
- भाषा अनुवाद
- स्पैम डिटेक्शन
- सेंटीमेंट एनालिसिस
- वॉयस असिस्टेंट्स।
3. NLP में टोकनाइजेशन क्या है?
उत्तर: यह असल में टेक्स्ट को छोटे यूनिट्स (जैसे शब्दों) में तोड़ने की प्रक्रिया है। जैसे कि “मेरा भारत महान” → [“मेरा, “भारत”, “महान”]।
4. BERT और GPT में क्या अंतर है?
उत्तर: BERT डेटा को दोनों दिशाओं (बाएँ-दाएँ) से समझता है। जबकि GPT सिर्फ बाएँ से दाएँ टेक्स्ट जनरेट करता है।
5. NLP की सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
उत्तर: भाषाओं के संदर्भ, विविधता और मुहावरों को समझना। खासकर हिंदी और संस्कृत जैसी भाषाओं में।